बंद करना

    प्राचार्य

    “प्रत्येक बच्चा यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी भी मानव-जाति से हतोत्साहित नहीं हुआ है।”

             सह-पाठ्यचर्या एवं अतिरिक्त सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों के साथ शैक्षणिक-उत्कृष्टता शिक्षा की प्रक्रिया को पूरा करती है। मुझे पाठकों को यह बताते हुए अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है कि हमारा विद्यालय छात्रों के समग्र विकास और व्यक्तित्व-निर्माण की दिशा में किए जाने वाले सभी प्रयासों में प्रगति कर रहा है। विद्यालय छात्रों को उनकी रचनात्मक-खोज की प्रतिभा को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है जो उनमें विचार एवं अवधारणा की मौलिकता विकसित करेगा।

             आधुनिक युग, जो पूरी तरह से सूचना-तकनीक एवं इंटरनेट पर निर्भर है, के चलते हमारी भावनाएं एवं विचार बहुत हद तक उधार के हो गए हैं, अधिकांश विचार, यहां तक ​​कि विशेष अवसरों के लिए भेजे जाने वाले हमारे संदेश भी इंटरनेट के उप-उत्पादों पर आधारित हैं। इसलिए, हमारा विद्यालय लघु-कथाओं, संदेशों, निबंधों, ड्राइंग-पेंटिंग आदि की कक्षाओं एवं प्रतियोगिताओं के रूप में छात्रों के मूल-विचारों को निर्मित करने तथा उन्हें बढ़ावा देने में अत्यंत  महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह छात्रों को अपनी तर्कसंगत सोच को स्वयं निर्मित करने एवं अभिव्यक्त करने  के लिए प्रेरित करता है।

         ‘हमारा विद्यालय उस प्रकाश-पुंज की भांति कार्यरत है जो प्रकाश प्रदान करने के साथ-साथ दूरस्थ यात्रियों को उनके सही मार्ग की पहचान करने में मदद करता है ।’